Thursday, April 14, 2011

दोस्तों की duniya

याद है आज भी वोह मुस्कुराते हुए पल,

वोह गमो के हल,

दोस्तों में पायीं मैंने एक एस ज़िन्दगी,

यारों के वास्ते हमने ले ली यह बंदगी।

आज भी उन लम्हों को मैं महसूस करती हूँ,

दोस्तों में ही अपने आप को महफूज़ पाती हूँ.

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